देहरादून, 11 जून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को शासकीय आवास पर उत्तराखंड में हेली सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक ली। इस बैठक में यूकाडा (उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी), एएआईबी (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो), डीजीसीए (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) के प्रतिनिधियों समेत राज्य में हेली सेवाएं देने वाले सभी ऑपरेटर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी हेली ऑपरेटर्स को सख्त हिदायत दी कि हेली सेवाओं के दौरान सुरक्षा मानकों से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मामले में कोई भी लापरवाही अस्वीकार्य है।
हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की होगी विस्तृत ऑडिट
मुख्यमंत्री ने बीते वर्षों में हुई हेली दुर्घटनाओं की गहन ऑडिट व समीक्षा के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए उनकी पुनरावृत्ति रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हेलीकॉप्टर का नियमित फिटनेस परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए ताकि किसी भी तकनीकी खराबी से बचा जा सके।
हेली बुकिंग के लिए ठोस एसओपी की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग के लिए एक मजबूत व प्रभावी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाया जाए ताकि यात्रियों को पारदर्शी और सुगम सेवाएं मिल सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में संचालित हो रहे हेलीकॉप्टरों के इंजन सुरक्षा मानकों का भी पूरी सख्ती से पालन किया जाए।
चारधाम रूट पर लगेगा वेदर कैमरा
उत्तराखंड के चारधाम रूट विशेषकर केदारनाथ वैली सहित सभी प्रमुख वैली में वेदर कैमरा लगाए जाएंगे ताकि मौसम की सटीक जानकारी मिल सके और खराब मौसम में हेलीकॉप्टर सेवाओं को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवाओं में उत्पन्न होने वाली बाधाओं को कम करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
डबल इंजन हेलीकॉप्टर के लिए बनेगी नीति
बैठक में मुख्यमंत्री ने यूकाडा को निर्देशित किया कि भविष्य में केवल डबल इंजन वाले हेलीकॉप्टरों के संचालन हेतु स्पष्ट और ठोस नीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि डबल इंजन हेलीकॉप्टर अधिक सुरक्षित होते हैं और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में इनकी मांग भी बढ़ रही है।
वैष्णो देवी मॉडल का अध्ययन करें ऑपरेटर्स
मुख्यमंत्री ने यूकाडा और अन्य स्टेकहोल्डर्स को जम्मू के वैष्णो देवी में चल रही हेली सेवाओं के मॉडल का अध्ययन कर उत्तराखंड में उसकी उपयोगिता पर विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी में सुरक्षा और संचालन का जो स्तर है, वह उत्तराखंड के लिए भी आदर्श बन सकता है।
अनुभवी पायलट ही करेंगे सेवा
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उत्तराखंड में केवल अत्यधिक अनुभवी पायलटों को ही हेली सेवाओं में लगाया जाए ताकि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। उन्होंने ऑपरेटर्स को पर्यटकों के साथ विनम्र और संवेदनशील व्यवहार बनाए रखने की भी नसीहत दी ताकि देवभूमि से लौटने वाले पर्यटकों के मन में राज्य की सकारात्मक छवि बने।
चारधाम मार्गों पर चलेगा स्वच्छता अभियान
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वच्छता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आने वाले लाखों यात्रियों को साफ-सुथरा वातावरण उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
हेलीपैड निर्माण कार्य प्रगति पर
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में हेली सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए कई नए हेलीपैडों का निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक 66,000 से अधिक यात्री हेली शटल सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं।
अगले 10 वर्षों के लिए बनेगी कार्य योजना
मुख्यमंत्री ने यूकाडा को निर्देश दिए कि राज्य में अगले 10 वर्षों के लिए हेली सेवाओं की कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि पर्यटन एवं चारधाम राज्य होने के कारण उत्तराखंड में हेली सेवाओं की मांग निरंतर बढ़ रही है। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य में हेलीकॉप्टर सेवाएं राज्य की परिवहन व्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार बनेंगी।
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री सचिन कुर्वे, अपर सचिव श्रीमती सोनिका के साथ राज्य में हेली व चार्टर्ड सेवाएं देने वाले सभी प्रमुख ऑपरेटर्स भी शामिल रहे। सभी ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन में हर स्तर पर सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।