देहरादून। उत्तराखण्ड में जल संकट की संभावनाओं से निपटने और जल स्रोतों के संरक्षण के उद्देश्य से राज्य सरकार ने चेक डैम निर्माण कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया है। इसी क्रम में सोमवार को मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में सिंचाई विभाग द्वारा प्रस्तावित चेक डैम निर्माण की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण (SARRA) के अंतर्गत चल रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों में तेजी लाई जाए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि चेक डैम निर्माण की साप्ताहिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए, ताकि कार्य की निगरानी प्रभावी ढंग से हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ₹1 करोड़ से कम की लागत वाले प्रस्तावों को जिला स्तर पर ही निस्तारित किया जाए, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया में गति आए और निर्माण शीघ्र शुरू हो सके।

पेयजल संकट वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता

मुख्य सचिव ने पेयजल की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रस्तावों को प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेयजल निगम एवं जल संस्थान को भी इस कार्य में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए। इन संस्थाओं से उन क्षेत्रों की पहचान करने को कहा गया है जहां पानी की उपलब्धता कम है, ताकि वहाँ चेक डैम निर्माण के लिए सटीक प्रस्ताव तैयार किए जा सकें। उन्होंने इस संबंध में संयुक्त रिपोर्ट (Joint Report) तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।

डीपीआर तैयार प्रस्तावों के शासनादेश शीघ्र जारी हों

मुख्य सचिव श्री बर्द्धन ने कहा कि जिन प्रस्तावों की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार हो चुकी है, उनके शासनादेश बिना देरी के जारी किए जाएं। इसके साथ ही ईसी (EC), एफसी (FC), टीएसी (TAC), ईएफसी (EFC) आदि आवश्यक स्वीकृतियों की समयसीमा तय करते हुए एक कार्य कैलेण्डर बनाया जाए और निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण कराए जाएं।

जलाशयों और बैराज निर्माण कार्यों में भी तेजी

बैठक में सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि राज्य के विभिन्न जिलों में जलाशय एवं चेक डैम निर्माण कार्य गतिमान हैं। उन्होंने बताया कि नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून और पौड़ी जनपदों में जल संरक्षण के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में प्रथम वरीयता के 111 जल स्रोतों को लक्ष्य में लिया गया था, जिनमें से 105 पर कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 6 पर कार्य प्रगति पर है

डॉ. कुमार ने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए 124 नए कार्य प्रस्तावित हैं। इनकी डीपीआर तैयार करने के साथ-साथ प्राक्कलन गठन की प्रक्रिया भी चल रही है, जिससे शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सके।

उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ विचार-विमर्श

इस महत्वपूर्ण बैठक में जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती नीना ग्रेवाल, सिंचाई विभाग से जयपाल सिंह, लघु सिंचाई विभाग से बृजेश कुमार तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जल संरक्षण कार्यों की व्यापक समीक्षा की गई।

By admin