देहरादून, 28 मार्च। अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज सचिवालय में नाबार्ड की समीक्षा बैठक ली। अपर मुख्य सचिव ने सभी विभागों को नाबार्ड में अवशेष धनराशि हेतु प्रतिपूर्ति के बिलों को समयबद्धता से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य हेतु भारत सरकार द्वारा आरआईडीएफ के मानक आवंटन हेतु कुल ₹650 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई है। इसके साथ ही एसीएस ने वर्ष 2025-26 के लिए संचालित प्रोजेक्ट, संवितरण, ऋण लक्ष्यों की प्रगति की कार्ययोजना पर प्रभावी कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा डिस्बर्समेंट की प्रगति पर शीघ्रता से कार्य करने के निर्देश दिए।
एसीएस ने सभी विभागों को इस दिशा में तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि विभागों द्वारा वितरण एवं अदायगियों में आ रही समस्याओं का निस्तारण कर कार्यों को समयबद्धता से पूरा किया जाए। एसीएस ने प्रोजेक्ट्स की निरन्तर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करते हुए पीएम गति शक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल पर भी लगातार अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव ने ऑफ सीजन फलों एव सब्जियों के अधिक उत्पादन वाले स्थानों चकराता, मोरी में आरम्भ में कलेक्शन सेन्टर का संचालन आरम्भ करते हुए भविष्य में मण्डी की स्थापना, स्टोरेज व रोपवे की संभावना की कार्ययोजना पर कार्य करने के भी निर्देश दिए।
इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री दिलीप जावलकर, श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव श्री विनीत कुमार, डॉ. अहमद इकबाल, श्री आनन्द श्रीवास्तव सहित नाबार्ड एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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